क्या सच में आ गई है कोरोना वायरस की दवा

कोरोना का वायरस लाख कोशिशों के बावजूद काबू में नहीं आ रहा है. दुनिया में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 19 लाख के पार पहुंच गई है. अब तक एक लाख 20 हजार के करीब मौतें हो चुकी हैं. सबसे ज्यादा मौतें अमेरिका में हुई हैं

भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 10 हजार के पार पहुंच गई है. यहां कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या 300 से ज्यादा हो गई है. यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों पर आधारित है

इस महामारी के फैलने का सबसे बड़ा कारण यह है कि अब तक इसकी दवा इजाद नहीं हो सकी है. दुनिया भर में वैज्ञानिक इसकी कारगर दवाई बनाने में जुटे हुए हैं. अमेरीकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने इस वायरस की दवा बनाए जाने का दावा किया है. ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी एफडीए ने कोरोना वायरस की दवा खोज ली है ट्रंप ने इसे लेकर व्हाइट हाउस की मीडिया ब्रीफिंग में भी बयान दिया. उन्होंने कहा- ''हम इस दवा को तत्काल प्रभाव से उपलब्ध कराने जा रहे हैं. एफडीए ने काफी काबिलेतारीफ काम किया. ये दवा स्वीकृत हो चुकी है

ईटी की फैक्ट चेक टीम ने इस बात की पड़ताल की कि क्या इन दो दवाओं का कॉम्बिनेशन कोरोना वायरस की औपचारिक दवाई है. साथ ही क्या अमेरिका के स्वास्थ विभाग की ओर से इसे स्वीकृत किया जा चुका है. ट्रंप के इस बयान के बाद 21 मार्च को ही अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने एक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में सीडीसी ने बताया कि कोविड-19 के मरीज़ों के लिए एफडीए ने कोई दवा अब तक अप्रूव नहीं की है. हालांकि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका सहित कई देशों में कोविड-19 के मरीजों के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल किया जा रहा है


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