प्रशासन एवं स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की लापरवाही सामने आयी

पुत्री की रिपोर्ट निगेटिव, फिर चिकित्सक को किसने बनाया कोरोना पोजिटिव



प्रशासन एवं स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की लापरवाही सामने आयी



उरई(जालौन)। आज चिकित्सक पत्नी की रिपोर्ट कोरोना पोजिटिव आने से संशय की स्थ्तिि हो गयी। पहले लोग यह अंदाजा लगा रहे थे कि गुरुग्राम से आई डॉक्टर पुत्री से वह संक्रमित हो गए। लेकिन डॉक्टर के पुत्र व पुत्री की रिपोर्ट निगेटिव आयी है। यानी डॉक्टर किसके सम्पर्क में आने से संक्रमित हुए ,यह सवाल अब प्रशासन के सामने यक्ष प्रश्न बन गया है।कहीं ऐसा तो नही की जिससे डॉक्टर को कोरोना हुआ वह अभी भी हम लोगो के बीच मे घूम रहा हो । यानि कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ा रहा हो।
  उल्लेखनीय है कि  जिला अस्पताल उरई में पदस्थ एवं मेडिकल कॉलेज उरई में ड्यूटी कर रहे बेहोशी के डॉक्टर की आई जांच रिपोर्ट में वह पॉजिटिव पाए गए थे डॉक्टर के पॉजिटिव पाए जाने से जिले में हड़कंप मच गया था और देर रात प्रशासन ने चिकित्सक के कोरोना पाॅजिटिव होने की पुष्टि की थी इसमें दलीलें दी गई थी की गुरुग्राम से आई पुत्री के संपर्क में आने से चिकित्सक कोरोना  पॉजिटिव हो गए थे लेकिन आज चिकित्सक के पुत्र-पुत्री एवं पत्नी की भी रिपोर्ट प्रशासन को प्राप्त हो गई है जिसमें केवल चिकित्सक की पत्नी ही कोरोना पाई गई हैं जबकि उनके पुत्र पुत्री की जांच नेगेटिव आई है अब सवाल उठता है चिकित्सक किन लोगों के संपर्क में आने से कोरोना के पाॅजिटिव हुए हैं जिला मुख्यालय पर इस तरह के आरोप प्रशासन पर लगाए जाते रहे कि वह कोराना वायरस के मामलों को गंभीरता से नहीं ले रहा है और तमाम ऐसे संदिग्ध सामने आए हैं जिन पर प्रशासन ने कोई खुलासा नहीं किया लोगों का आरोप तो यहां तक है कि जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा संदिग्ध मामलों को दबाया जाता रहा है जिसका परिणाम कोरोना पाॅजिटिव चिकित्सक के रूप में सामने आया है और और आम जनमानस में इस तरह की आशंका बढ़ती जा रही है किस्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कोराना संदिग्धों को लेकर लापरवाही बरती और जालौन जिले की जनता जो पूरी तरह से पिछले 1 महीने से लॉक डाउन का पालन कर रही थी और अपने घरों में रहकर प्रशासन का सहयोग कर रही थी उसे कोरोना मामले सामने आने से झटका लगा है हालांकि आम जनमानस में प्रशासन के अधिकारियों पर शक सुब्ह तभी से व्यक्त की जा रही थी जब शासन ने जनपद जालौन को लाक डाउन के मामले में असंतोष जनक की श्रेणी में रखा और और जमातियों के मामले में प्रशासन के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी जिसमें प्रशासन के अधिकारियों ने पुलिस अधीक्षक के जरिए जमातिओं की संख्या को उजागर किया था और दोबारा कोरनटाइन रखने की बात कही थी लेकिन जब मेडिकल कालेज में ड्यूटी कर रहे बेहोशी के डॉक्टर की कोरोना पाॅजिटिव पाये जाने की स्थिति सामने आई तो हड़कंप मच गया प्रशासन ने चिकित्सक के कोरोना पाॅजिटिव होने के पीछे उनकी पुत्री के गुरुग्राम से आने की दलील दी थी लेकिन अब चिकित्सक की पुत्री की रिपोर्ट नेगेटिव पाये जाने से लोगो में इस तरह की आशंका पैदा हो गई है कि चिकित्सक कहाॅ से कोरोना से पाॅजीटिव हुये। राजकीय मैडिकल काॅलेज से,जिला अस्पताल से या फिर प्राईवेट अस्पतालो से । क्योकि जिन लोगो से चिकित्सक कोरोना पाॅसिटिव हुये है उन लोगो ने कितने लोगो मे कोरोना फैलाया होगा यह आने वाला समय बतायेगा, हालाॅकि चिकित्सक के कोरोना पाये जाने के बाद प्रशासन ने उरई को हाॅटस्पाॅट के रुप मे सील कर दिया है और आज जिला मुख्यालय उरई पर मैडिकल स्टोर तक बन्द रहे। दो प्राईवेट अस्पतालो को सील कर दिया गया और डाॅक्टर के सम्पर्क मे आये लोगो की छानबीन की जा रही है फिर भी कोरोना मामले को लेकर अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर प्रशन चिन्ह जरुर लगने लगे है। उधर प्रशासन अवगत कराना है किजनपद में कोरोना पॉजिटिव की बढ़ी संख्या अब दो हो गई है।कल जो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे उनके परिवार के सदस्यों की जांच करायी गयी जिसमें उनकी धर्मपत्नी कोरोना पॉजिटिव पायी गयी है एवं उनके पुत्र व पुत्री की रिपोर्ट नेगेटिव आयी है।

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